हमारे बुजुर्ग हमारे घर की शान होते हैं ,क्योंकि इन्हीं के माध्यम से एक पीढ़ी के संस्कार दूसरी पीढ़ी को प्रेषित किए जाते हैं । परंतु कुछ घरों में इनका सम्मान प्रश्न चिन्ह बन गया है । इस समस्या को दर्शाने के लिए कक्षा आठवीं ‘स’ के विद्यार्थियों ने हिंदी अध्यापिका श्रीमती नीलम गाबा के निर्देशन में एक नाटक का मंचन किया। इस नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों को यह सिखाने का प्रयास किया गया कि हम सबको अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।